दिवाली से पहले गुरु पुष्य नक्षत्र, खरीददारी और लक्ष्मी-नारायण की पूजा का विशेष महत्व
- Guru pushya nakshtra दिवाली से पहले गुरु पुष्य नक्षत्र, खरीददारी और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के लिए बहुत अच्छा है। इसलिए कोशिश करें कि इस नक्षत्र में हमें कुछ न कुछ खरीददारी करनी चाहिए।
गुरु पुष्य नक्षत्र अक्टूबर में दिवाली से पहले लग रहा है।यह नक्षत्र बहुत शुभ माना जाता है। सूर्य जुलाई में पुष्य नक्षत्र में गोचर करते हैं। इसमें भी गुरु पुष्य नक्षत्र बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं इस नक्षत्र में किया गया कार्य बहुत अधिक शुभ फल देता है इसलिए इस योग में खरीददारी करनी चाहिए। इस बार यह नक्षत्र दिवाली से पहले 24 अक्टूबर को लग रहा है। पंचांग के अनुसार यह नक्षत्र सुबह 11.38 पर लगेगा और 25 अक्टूबर को 12.30 तक रहेगा।
दिवाली से पहले गुरु पुष्य नक्षत्र, खरीददारी और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के लिए बहुत अच्छा है। इसलिए कोशिश करें कि इस नक्षत्र में हमें कुछ न कुछ खरीददारी करनी चाहिए।
लक्ष्मी-नारायण की पूजा का विशेष महत्व
पुष्य नक्षत्र अगर रविवार को हो, तो इसे रवि पुष्य नक्षत्र कहते हैं और अगर यह गुरुवार को हो तो इसे गुरु पुष्य नक्षत्र कहते हैं। आमौतर पर इन दोनों दिन गुरुवार या रविवार को आने वाला पुष्य नक्षत्र श्रेष्ठ माना जाता है। इसे पुष्य नक्षत्रों का राजा कहते हैं। इस नक्षत्र के स्वामी गुरु हैं, इसलि इस लक्ष्मी-नारायण की पूजा खास बताई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन भगवान विष्णु की पूजा कर केले के पेड़ की जड़ में जल और चने की दाल अर्पित करनी चाहिए। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराकर तुलसी से पंचमेवे का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी-नारायण की कृपा से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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