गुप्त नवरात्रों में होती है दस महाविद्याओं की आराधना
- Gupt Navratri 2025 : साल में चार नवरात्र— माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन में आते हैं। इनमें माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को ‘गुप्त’ नवरात्र कहा जाता है। ये दस रुद्रावतारों की शक्तियां हैं।
नव दुर्गाओं के अलावा दस महाविद्याएं भी मानी गई हैं। इन दस महाविद्याओं के दो कुल माने गए हैं— काली कुल और श्रीकुल। काली कुल में— मां काली, मां तारा और मां भुवनेश्वरी आती हैं, जबकि श्री कुल में— मां बगलामुखी, मां कमला, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर सुंदरी, मां त्रिपुर भैरवी, मां मातंगी और मां धूमावती हैं। इन नव दुर्गाओं और दस महाविद्याओं की विशेष अराधना के दिन हैं— नवरात्र। साल में चार नवरात्र— माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन में आते हैं। इनमें माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को ‘गुप्त’ नवरात्र कहा जाता है। ये दस रुद्रावतारों की शक्तियां हैं।
- मां काली मां काली रुद्रावतार महाकालेश्वर की शक्ति हैं। इनकी साधना से विरोधियों पर विजय प्राप्ति होती है।
- मां तारा तारकेश्वर रुद्र की शक्ति मां तारा की सबसे पहले उपासना महर्षि वसिष्ठ ने की थी। इन्हें तांत्रिकों की देवी माना गया है। इनकी उपासना से आर्थिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- मां त्रिपुर सुंदरी षोडेश्वर रुद्रावतार की शक्ति को ललिता या राज राजेश्वरी भी कहा जाता है। इनकी पूजा से धन, ऐश्वर्य, भोग, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- मां भुवनेश्वरी ये भुवनेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी साधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- मां छिन्नमस्ता छिन्नमस्तक रुद्र की शक्ति मां छिन्नमस्ता की साधना से समस्त कामनाएं पूरी होती हैं।
- मां त्रिपुर भैरवी रुद्र भैरवनाथ की शक्ति हैं। इनकी साधना से जीव बंधनों से मुक्त हो जाता है।
- मां धूमावती धूमेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी पूजा विवाहित स्त्रियां नहीं, बल्कि विधवा स्त्रियां करती हैं।
- मां बगलामुखी बगलेश्वर रुद्र की शक्ति मां बगलामुखी की साधना से मनुष्यों को भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि प्राप्त होती है।
- मां मातंगी मतंगेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी उपासना से गृहस्थ जीवन में खुशहाली आती है।
- मां कमला कमलेश्वर रुद्र की शक्ति हैं। इनकी कृपा से मनुष्य को धन-संतान की प्राप्ति होती है।
गुप्त नवरात्र की महिमा को आम लोगों तक ऋषि शृंगी ने पहुंचाया था। एक दिन ऋषि शृंगी अपने भक्तों के साथ आश्रम में धर्म चर्चा कर रहे थे। तभी उनके पास एक महिला आई। उसने दुखी होकर उनसे कहा कि उसका पति अनीतिपूर्ण कार्य करता है। इस वजह से घर में कलह रहती है। कृपा कर कोई ऐसा उपाय बताएं, जिससे उनके व्यसन दूर हो जाएं। तब ऋषि शृंगी ने उसे गुप्त नवरात्र की महिमा बताते हुए दस महाविद्याओं की उपासना करने को कहा। और कहा कि इससे उसे अवश्य लाभ होगा। तभी से गृहस्थ लोगों में भी गुप्त नवरात्र प्रचलित हुए। इस नवरात्र की साधना को गुप्त रखा जाता है इसलिए इसे गुप्त नवरात्र कहते हैं।