Govardhan Maharaj Ki Aarti : गोवर्धन महाराज की आरती, श्री गोवर्धन महाराज…
- हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन महाराज की आरती जरूर करें।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसके पास भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा रखी जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन महाराज की आरती जरूर करें।
Govardhan Maharaj ki Aarti, गोवर्धन महाराज की आरती-
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।
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