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Gemstone :मूंगा, पन्ना समेत 9 रत्नों को कब और किस उंगली में पहनना चाहिए? जानिए

  • Gemstone : रत्न शास्त्र में 9 रत्न और 84 उपरत्नों को बहुत महत्व दिया गया है। मान्यता है कि जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पाने और सुख-समृद्धि के लिए 9 रत्नों को धारण करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 17 Nov 2024 08:19 PM
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Gemstone : रत्न शास्त्र में मूंगा,मोती,माणिक्य,पुखराज,पन्ना, नीलम,गोमेद,हीरा और लहसुनिया समेत 9 रत्न और 84 उपरत्नों को बहुत महत्व दिया गया है। मान्यता है कि ज्योतिषीय सलाह लेकर इन रत्नों को धारण करने से साधक को जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है। नौकरी-कारोबार में अपार तरक्की के योग बनते हैं और हर कार्य में अपार सफलता मिलती है। धन-धान्य से भंडार हमेशा भरा रहता है। जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ऐसा कहा गया है कि प्राचीन काल से ही रत्न अपने आकर्षक रंगों, प्रभाव और आभा के कारण मानव को प्रभावित करते हैं। रत्न किसी व्यक्ति का भाग्य चमका सकता है और गलत तरीके से धारण करने पर परेशानियां भी ला सकता है। इसलिए बिना ज्योतिषीय सलाह के किसी भी रत्न को धारण करने से बचना चाहिए और रत्न पहनते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं 9 रत्नों को कब और किस उंगली में धारण करना चाहिए?

माणिक्य : रत्न शास्त्र के अनुसार, माणिक्य रत्न को सोना के अंगूठी में अनामिका उंगली में पहनना चाहिए। यह सूर्य रत्न है। इस रत्न को रविवार को सुबह पहना जा सकता है।

मोती : मोती रत्न को चांदी की अंगूठी में कनिष्ठिका उंगली में पहनना चाहिए। यह चंद्रमा का रत्न है। इस रत्न को सोमवार को सुबह धारण किया जा सकता है।

मूंगा : मंगल के रत्न को चांदी की अंगूठी में अनामिका उंगली में पहना जा सकता है। इस रत्न को मंगलवार को सुबह पहना जा सकता है।

पन्ना : बुध के रत्न पन्ना को सोना की अंगूठी में धारण किया जा सकता है। इसे बुधवार को सुबह कनिष्ठिका उंगली में पहनना चाहिए।

पुखराज : गुरु के रत्न को सोने की अंगूठी में तर्जनी उंगली में पहना जा सकता है। इस रत्न को गुरुवार को सुबह धारण कर सकते हैं।

हीरा : शुक्र का रत्न हीरा चांदी या प्लेटिनम की अंगूठी में कनिष्ठिका उंगली में धारण कर सकते हैं। इस रत्न को शुक्रवार के दिन सुबह धारण करना चाहिए।

नीलम : शनि का रत्न नीलम शनिवार के दिन शाम को मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इसे पंचधातु या चांदी की अंगूठी में पहन सकते हैं।

गोमेद : राहु के रत्न को अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में पहन सकते हैं। इससे शनिवार को सूर्यास्त के बाद मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए।

केतु : केतु के रत्न लहसुनिया को चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए। इस रत्न को अनामिका उंगली में मंगलवार या शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पहना जा सकता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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