Gemstone : राहु का रत्न गोमेद किन लोगों को पहनना करना चाहिए? जानें धारण करने के नियम और फायदे
- Gemstone : रत्न ज्योतिष में राहु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए राहु का रत्न धारण करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से मानसिक तनाव से मुक्ति समेत कई परेशानियां दूर होती हैं।
Gemstone : रत्न शास्त्र में गोमेद को राहु का रत्न माना गया है। मान्यता है कि कुंडली में राहु की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को हर कार्य में अच्छे परिणाम मिलते हैं, वहीं,राहु के कमजोर होने से व्यक्ति का जीवन समस्याओं से घिरा रहता है। राहु के प्रकोप से मानसिक तनाव, झूठ बोलने की आदत, बुरे कर्म समेत कई समस्याएं होने लगती है। ऐसे में राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए गोमेद रत्न धारण करना लाभकारी माना गया है,लेकिन किसी भी रत्न को पहनने से ज्योतिषीय सलाह जरूर लेना चाहिए। हरिश्चन्द्र विद्यालंकार द्वारा लिखी गई पुस्तक रत्न परिचय के अनुसार,कुंभ राशि में सूर्य के विराजमान होने पर यानी 15 फरवरी से 14 मार्च के बीच जन्मे लोग राहु का रत्न पहन सकते हैं। आइए जानते हैं गोमेद धारण करने के नियम और फायदे…
गोमेद धारण करने के नियम :
रत्न ज्योतिष के अनुसार, गोमेद का वजन 6,11 या 13 कैरेट होना चाहिए। वहीं, 7,10 और 16 रत्ती का गोमेद धारण करने से बचना चाहिए।
इस रत्न को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाकर पहना सकता है।
गोमेद रत्न को शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए।
रत्न ज्योतिष के अनुसार, गोमेद को माणिक्य,मूंगा और मोती के साथ नहीं पहनना चाहिए।
गोमेद पहनने के फायदे :
रत्न ज्योतिष के मुताबिक, गोमेद पहनने से कानूनी मामलों में शांति मिलती है।
यह रत्न मानसिक तनाव को कम या समाप्त करने के लिए लाभकारी माना जाता है।
रोग-दोषों से राहत पाने के लिए भी यह रत्न अच्छा माना जाता है।
राहु ग्रह की दशा समेत राहु के प्रकोप से बचने के लिए गोमेद पहन सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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