Gemstone: गुरु का रत्न पुखराज कौन धारण कर सकता है? जानें नियम और पहनने के फायदे
- Gemstone: जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए पुखराज रत्न धारण करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि पुखराज रत्न पहनने से गुरु ग्रह मजबूत होता है, लेकिन इसे धारण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Gemstone : वैदिक ज्योतिष में पुखराज को गुरु का रत्न माना गया है। गुरु ग्रह ज्ञान,मान-सम्मान,विद्वता और सत्य का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि कुंडली में गुरु मजबूत होने पर व्यक्ति सत्य की राह पर चलता है। आंखों और चेहरे पर तेज नजर आता है। वहीं, गुरु ग्रह के अशुभ प्रबाव मिलने पर शैक्षिक कार्योमें बाधाएं आती है। व्यक्ति के बारे में फालतू अफवाहें उड़ाई जाती है समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।इसलिए कुंडली में गुरु ग्रह के शुभ प्रभावों के लिए पुखराज धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है। हालांकि, किसी भी रत्न को पहनने से ज्योतिषीय सलाह जरूर लेना चाहिए। हरिश्चन्द्र विद्यालंकार द्वारा लिखी गई पुस्तक रत्न परिचय के अनुसार, जिन लोगों का जन्म सूर्य के धनु राशि में विराजमान रहने पर हुआ हो। 15 दिसंबर से 14 जनवरी के बीच हुआ। ऐसे जातक पुखराज पहन सकते हैं। आइए जानते हैं पुखराज धारण करने की विधि....
पुखराज कैसे धारण करें?
रत्न ज्योतिष में 7 या 12 कैरेट का पीला पुखराज धारण करना शुभ होता है।
इस रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वाकर पहनना चाहिए।
रत्न का वजन 6,11 और 14 रत्ती का बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
मध्यमा यानी तीसरी उंगली में पुखराज धारण किया जा सकता है।
अगर आप पुखराज नहीं धारण कर सकते हैं,तो सुनहला रत्न भी धारण कर सकते हैं।
पुखराज धारण करने के लाभ :
रत्न ज्योतिष के अनुसार, पुखराज धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
मान्यता है कि पुखराज पहनने से व्यक्ति को बुद्धि-विवेक में वृ्द्धि होती है।
कहा जाता है कि पुखराज धारण करने से क्रोध कम होता है और मन को शांति मिलती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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