Ganesh Ji Ki Aarti :गणेश विसर्जन से पहले पढ़ें गणपति जी की आरती, जय गणेश, जय गणेश देवा
भाद्रपद मास की अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन से पहले गणपति की विधि -विधान से पूजा की जाती है और फिर उनकी आरती उतारी जाती है। यहां से आप गणेश जी की संपूर्ण आरती पढ़ सकते हैं।
भाद्रपद मास की अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है। गणपति को कोई 1, पांच या कोई 7 दिन के लिए स्थापित कर विसर्जित कर देते हैं। वहीं कुछ लोग अनंत चतुर्दशी के दिन तक गणपति का विसर्जन करते हैं। इस दिन नदी या सरोवर में जाकर बप्पा को विदाई दी जाती है। अगर आप घर में गणपति का विसर्जन कर रहे हैं, तो इसके लिए घर में एक टब में या किसी बड़े पवित्र बर्तन में उनकी मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं। विसर्जन से पहले गणपति की विधि -विधान से पूजा की जाती है और फिर उनकी आरती उतारी जाती है। गणपति को पहले 22 जोड़े दूर्वा, मोदक, लाल फूल, लाल चन्दन, पान, सुपारी अर्पित करनी चाहिए। इसके बाद गणपति बप्पा की आरती करें । आरती घी की बाती या कपूर से भी कर सकते हैं। आरती के बाद ही गणपति को विसर्जित करना चाहिए। यहां से आप गणेश जी की संपूर्ण आरती पढ़ सकते हैं।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करे सेवा,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया,
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी,
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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