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गणेश चतुर्थी आज, बन रहे हैं दुर्लभ संयोग, नोट कर लें पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त

  • भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाए जाने का विधान है। यह पर्व देशभर में बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस साल दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। मध्याह्न समय गणेश पूजा के लिये अति उत्तम होता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानSat, 7 Sep 2024 06:28 AM
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भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाए जाने का विधान है। यह पर्व देशभर में बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर हुआ था, इसलिए इस तिथि को विघ्नहर्ता गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी के भक्तों को गणेश चतुर्थी का इंतजार साल भर रहता है, क्योंकि गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश 11 दिनों के लिए धरती पर अपने भक्तों के घर पधारते हैं। गणेश विसर्जन के साथ ही वह अगले साल आने का वादा करके अपने धाम लौट जाते हैं। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर क्या शुभ योग बन रहे हैं और पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त क्या है….

दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है

स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज के अनुसार गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म और इंद्र योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। ब्रह्म योग देर रात 11 बजकर 17 मिनट तक है। इसके बाद इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। गणेश चतुर्थी पर भद्रा पाताल में रहेंगी। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही चित्रा एवं स्वाती नक्षत्र का निर्माण भी हो रहा है।

मध्याह्न समय गणेश पूजा के लिये अति उत्तम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था,इसीलिए मध्याह्न समय को गणेश पूजा के लिये अति उत्तम माना जाता है। इस समय गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करना शुभ माना जाता है।

मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त प्रातः 11:03 मिनट से सांय 01:34 मिनट तक लगभग 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा। 

10 दिवसीय उत्सव का होगा आरंभ

बुद्धि, शुभता व सिद्धि के दाता भगवान गणेश का 10 दिवसीय उत्सव का आरंभ भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी शनिवार से होगा। भगवान गणपति की उपासना से हर काम सिद्ध होते हैं और ऐश्वर्य की प्राप्ति, जीवन के विघ्न बाधा को दूर कर मनोकामना पूर्ण होती है।

 

 

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