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गणेश चतुर्थी पर इस सरल विधि से करें पूजा, ज्योतिर्विद से जानें शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और सामग्री लिस्ट

  • Ganesh Chaturthi 2024 : आज देशभर में बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसदिन घर और पूजा पंडाल में गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी विधिवत पूजा होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाताSat, 7 Sep 2024 08:12 AM
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Ganesh Chaturthi 2024 : आज 07 सितंबर से गणेश महोत्सव का आरंभ हो चुका है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। इस दिन से लगातार 10 दिनों के लिए गणेश महोत्सव का आरंभ होता है। गणेश चतुर्थी के दिन धूमधाम से गणपति बप्पा का जन्मोत्सव मनाते हैं। इस दिन ही घर और पूजा पंडाल में गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। पूजा-अनुष्ठान और धर्म-कर्म के कार्यों के लिए यह अति शुभ समय माना गया है। हालांकि, गणेश चतुर्थी पर भद्रा का भी साया रहेगा। ज्योतिष में भद्राकाल के दौरान शुभ कार्यों के मनाही होती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में गणेश पूजन के साथ पूजा-सामग्री में कुछ चीजों को शामिल करना न भूलें। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त और सामग्री लिस्ट...

गणेश चतुर्थी का पूजा मुहूर्त : स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था,इसीलिए मध्याह्न समय को गणेश पूजा के लिये अति उत्तम माना जाता है। इस साल मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त सुबह 11:03 मिनट से दोपहर 01:34 मिनट तक लगभग 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा। 

गणेश चतुर्थी की पूजाविधि :

गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का मध्याह यानी की दोपहर में जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन दोपहर में गणेश जी की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है।

इस समय पवित्र स्थान की मिट्टी से बनाई गई गणेश जी की मूर्ति की विधि विधान से स्थापना करें।

अब पूजा के शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें। 

गणपति बप्पा का ध्यान करें और एक्राग्रचित होकर पूजा करें।

उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान करवाएं।

इसके बाद गणेशजी वस्त्र, इत्र,जनेऊ,फल,फूल,धूप-दीप,पान और नैवेद्य अर्पित करें।

गणेशजी को दूर्वा अतिप्रिय है। पूजा के दौरान उन्हें दूर्वा जरूर चढ़ाएं।

अब गणेशजी को मोदक,लड्डू या मखाना खीर का भोग लगा सकते हैं।

गणेशजी का विधिविधान से पूजन के एक दिन,पांच दिन अथवा दस दिन तक प्रतिमा स्थापित करें और प्रतिदिन विधि विधान से पूजन अर्चन कर विसर्जन करें। गणेश विसर्जन में केवल मिट्टी से निर्मित प्रतिमा स्थापित करें, ताकि नदी-तालाब प्रदूषित न हो।

गणेश चतुर्थी 2024 पूजा सामग्री लिस्ट : गणेश जी की मूर्ति, कुमकुम,दूर्वा,अक्षत, लाल वस्त्र,मौली,रोली, लौंग,इलायची, सुपारी, पान,पंचमेवा,सिन्दूर,जनेऊ जोड़ा, गाय का घी, शक्कर,फल,गंगा जल,फूल माला,गुलाब जल,इत्र,धूप बत्ती, सिक्का, नारियल, शहद,दही, गुलाल,अष्टगंध,हल्दी, गाय का दूध,मोदक,गुड़,कलश,धूप-दीपक समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित कर लें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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