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Diwali Shubh Muhurat : 1 नवंबर को मना रहे हैं दिवाली तो सिर्फ 41 मिनट का मिलेगा शुभ मुहूर्त

  • हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने की वजह से कुछ लोगों ने 31 अक्टूबर को दिवाली मना ली है तो कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 31 Oct 2024 10:42 PM
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हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि दो दिन पड़ने की वजह से कुछ लोगों ने 31 अक्टूबर को दिवाली मना ली है तो कुछ लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे। दिवाली के त्योहार में मांलक्ष्मी व भगवान गणेश के पूजन का विधान है। मान्यता है कि दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और धन-धान्य का कभी अभाव नहीं होता है। आइए जानते हैं, 1 नवंबर को दिवाली पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और सामग्री की लिस्ट-

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 05:36 पी एम से 06:16 पी एम

अवधि - 00 घण्टे 41 मिनट्स

प्रदोष काल - 05:36 पी एम से 08:11 पी एम

वृषभ काल - 06:20 पी एम से 08:15 पी एम

पूजा-विधि :

दिवाली पूजा पर सफाई महत्वपूर्ण है। घर को अच्छी तरह से साफ कर गंगाजल छिड़कना चाहिए। घरों को दीपलरी, मोमबत्ती सेरोशन तथा रंगोली, फूलों की माला, केला व अशोक के पत्तों से तोरण द्वार बनाते हैं। पूजा स्थल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें। चांदी या कांसे के कलश में पानी रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें। कलश के दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो तथा बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें। छोटी थाली पर चावल का छोटी सी चपटी आकृति बनाएं और उस पर हल्दी से कमल का फूल डिजाइन करें, कुछ पैसे डालें तथा मूर्ति के सामने रख दें। अपनी अकाउंट बुक, धन व बिजनेस से संबंधित अन्य वस्तुए मूर्ति के सामने रखें। तिलक लगाएं, एवं फूल चढ़ाएं और मूर्तियों के सामने दीया जलाएं। अपनी हथेली में फूल रखें और आंखें बंद करके मंत्र का जाप करें। फूल को गणेश और लक्ष्मी को भेंट करें। लक्ष्मी की मूर्ति को जल स्नान के रूप में पंचामृत अर्पित करें। देवी को मिठाई, हल्दी, कुमकुम चढ़ाएं और माला पहनाएं। अगरबत्ती या धूप जलाएं, फिर नारियल, सुपारी और पान का पत्ता चढ़ाएं। मांलक्ष्मी की आरती करें। घंटी बजाएं।

पूजन सामग्री की लिस्ट- रोली, मौली, अक्षत, चावल, कपूर, घी का दीपक, सरसों के तेल का दीपक, गंगाजल, नारियल, कलश, पूजा की चौकी, शंख, चांदी का सिक्का, फल-(सिंघाड़ा, केला, सेब, नारियल, सीताफल), खील, बताशा, चंदन, घी, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, लक्ष्मी-गणेश, कुबेर देवता और मां सरस्वती की तस्वीर, मिठाई( नारियल,बेसन या मोतीचूर का लड्डू)।

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