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Christmas 2024 : क्रिसमस पर क्रिसमस-ट्री क्यों सजाया जाता है? जानिए महत्व

  • Christmas 2024 : देश-दुनिया में हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में क्रिसमस मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन क्रिसमस-ट्री को सजाया जाता है और अन्य कई परंपराएं निभाई जाती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 22 Dec 2024 10:47 AM
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Christmas 2024 : ईसाई धर्म में क्रिसमस के त्योहार का विशेष महत्व है। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस-डे मनाया जाता है। क्रिसमस ईसाइयों का बेहद खास पर्व है। इस दिन को वह बड़ा दिन भी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। इस पर्व पर अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न परंपराएं और रीति-रिवाज निभाया जाता है। क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस-ट्री सजाने की परंपरा है। इस दिन घर को रंग-बिरंगे लाइट्स से सजाया जाता है। फ्रेंड्स और फैमिली को गिफ्ट्स दिया जाता है और चर्च जाकर प्रार्थना भी की जाती है। आइए जानते हैं कि क्रिसमस पर क्रिसमस-ट्री सजाने का क्या महत्व है?

क्रिसमस-ट्री क्यों सजाया जाता है?

क्रिसमस के त्योहार के दिन घरों में क्रिसमस-ट्री लगाकर उसे रंग-बिरंगे खिलौने, बेल्स,टॉफी, रिबन और लाइट्स से सजाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, 16वीं सदी के ईसाई धर्म के सुधारक मार्टिन लूथर ने क्रिसमस-ट्री सजाने की शुरुआत की थी। मार्टिन लूथर 24 दिसंबर की शाम को एक जंगल से गुजर रहे थे। वह बर्फिला जंगल था। जंगल में मार्टिन लूथर को एक सदाबहार का पेड़ नजर आया। पेड़ की डालियों पर चांद की रोशनी पड़ रही थी। उन्होंने सदाबहार के पेड़ को अपने घर में लगाया और पेड़ की सजावट की। इसके बाद जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन पर भी उन्होंने ने सदाबहार के पेड़ को सजाया और तब से क्रिसमस के मौके घर में क्रिसमस-ट्री लाने और उसे सजाने की परंपरा शुरू हुई।

क्रिसमस-ट्री को लेकर यह कहानी भी प्रचलित है कि 722 ईसवी में जर्मनी से क्रिसमस-ट्री सजाने का रीति-रिवाज शुरू हुआ। एक बार जर्मनी के सेंट बोनिफेस को जानकारी मिली कि कुछ लोग एक विशाल ओक ट्री के नीचे बच्चों की कुर्बानी देंगे। इस बात का पता लगते ही बच्चों को बचाने के लिए सेंट बोनिफेस ने ओक ट्री को काट दिया। ऐसा कहा जाता है कि सेंट बोनिफेस ने जिस पेड़ को काटा, उस जगह एक सदाबहार पेड़ उग आया। लोग इस पेड़ को चमत्कारी कहने लगे। सेंट बोनिफेस ने लोगों से कहा कि ये देवीय पेड़ है और इसकी डालियों का स्वर्ग की ओर संकेत हैं। मान्यताओं के अनुसार, तभी से प्रभु ईसा मसीह के जन्म पर क्रिसमस-ट्री को सजाया जाने लगा।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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