देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू, 17 नवंबर से शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त
- Shaadi-Vivah Muhurat : इस बार 17 जुलाई देवशयनी एकादशी से शुरू होकर 11 नवम्बर तक चातुर्मास रहेंगे, देवशयन होने के कारण चातुर्मास में विशेष रूप से मंगल वैवाहिक कार्य या विवाह संस्कार नहीं किए जाते हैं।

Shaadi-Vivah Muhurat : प्रत्येक वर्ष चैत्र और अश्विन माह में नवरात्र पर्व मनाया जाता है। वास्तव में नवरात्र एक वर्ष में चार बार आते हैं। चैत्र और अश्विन माह में होने वाले मुख्य नवरात्र प्रकट रूप में होते हैं, इसके अलावा दो बार नवरात्र और आते हैं, जिन्हे गुप्त नवरात्र कहा जाता है। ये गुप्त नवरात्र आषाढ़ और माघ माह में आते हैं।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार वर्ष की प्रथम गुप्त नवरात्रि का आरंभ आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। इस बार गुप्त नवरात्र 6 जुलाई शनिवार से आरम्भ होकर 15 जुलाई तक रहेंगे। गुप्त नवरात्रि काल में प्रतिदिन प्रातः काल में देवी मां के समक्ष दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने पर माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आध्यात्मिक लक्ष्यों की पूर्ती के साथ सभी सांसारिक आकांक्षाओं की पूर्ती होती है।
देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार, गुप्त नवरात्रि के बाद चातुर्मास का आरम्भ होता है। इस बार 17 जुलाई देवशयनी एकादशी से शुरू होकर 11 नवम्बर तक चातुर्मास रहेंगे, देवशयन होने के कारण चातुर्मास में विशेष रूप से मंगल वैवाहिक कार्य या विवाह संस्कार नहीं किए जाते हैं।
जुलाई में विवाह के लिए शुभ तिथि
जुलाई में 9, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 जुलाई को विवाह मुहूर्त उपस्थित रहेंगे, लेकिन 17 जुलाई को देव शयन होने के बाद अगले चार महीने कोई विवाह मुहूर्त नहीं होगा। चातुर्मास के बाद नवम्बर में शुभ विवाह मुहूर्त की 17, 18, 23, 25, 27, 27, 28, दिसंबर में -2, 3, 4, 6, 7, 10, 11, 14 तिथियां हैं।
दुर्लभ योग
ज्योतिषचार्य अमित शांडिल्य ने बताया कि गुप्त नवरात्रों में सर्वार्थ सिद्धि योग आ रहा है, जोकि बहुत शुभ है। गुप्त नवरात्र में देवी मां को गुड़हल के फूल को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा पूरी, बतासा, चना, हलवा, फल आदि का भोग लगा सकते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना लाभकारी होता है।