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Lunar Eclipse 2024 :सितंबर माह की पूर्णिमा तिथि को लगेगा दूसरा चंद्र ग्रहण,जानें सही डेट, सूतक काल समेत सभी डिटेल्स

  • Lunar Eclipse 2024 Date : हिंदू पंचांग के अनुसार, सितंबर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को साल 2024 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यहां पढ़ें चंद्र ग्रहण से जुड़ी सभी डिटेल्स

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तानSat, 10 Aug 2024 05:09 PM
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Lunar Eclipse 2024 : ज्योतिष में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जैसी खगोलीय घटना बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कि इसका जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। साल 2024 में कुल 2 चंद्रग्रहण लेंगे। साल का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च 2024 होली के दिन पड़ा था। भारत में यह चंद्रग्रहण दिखाई नहीं दिया था। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं था। अब दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगने जा रहा है। यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा और इसका ग्रहण का नजारा कई जगहों पर दिखाई देगा। आइए जानते हैं दूसरे चंद्रगहण की सही डेट, ग्रहण टाइमिंग, सूतक काल टाइमिंग और राशियों पर प्रभाव....

कब लगता है चंद्रग्रहण ?

पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। चंद्रमा एक उपग्रह है, जो पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य का प्रकाश पृथ्वी की वजह से चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस खगोलीय घटना को ही चंद्रग्रहण कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा आती है। पूर्णिमा के दिन यह खगोलीय घटना घटित होती है।

चंद्र ग्रहण की टाइमिंग : भारतीय स्टैंडर्ड टाइमिंग के अनुसार, साल 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर लगेगा और सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगा। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे और 6 मिनट की होगी।

आंशिक चंद्र ग्रहण क्या होता है?

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण आंशिक होगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, आंशिक चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य,पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में नहीं होते हैं। चंद्रमा के केवल एक भाग पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, लेकिन चंद्रमा को पूरी तरह से ढक नहीं पाती है। इस दौरान चंद्रमा का केवल एक भाग ही लाल दिखाई देता है।

कहां-कहां दिखाई देगा दूसरा चंद्र ग्रहण?

साल का दूसरा चंद्रग्रहण यूरोप,अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक, अंटार्कटिका के सीमित क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह ग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन मुंबई समेत देश के पश्चिमी शहरों में यह चंद्र ग्रहण नजर आ सकता है। हालांकि, इसकी संभावनाएं भी बहुत कम है क्योंकि जब चंद्र ग्रहण जब शुरू होगा, उस समय पूरे भारत में चंद्रास्त की स्थिति हो चुकी होगी। इसलिए भारत में चंद्र ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा।

सूतक काल मान्य होगा या नहीं ?

ग्रहण आरंभ होने के 9 घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है। इस दौरान धर्म-कर्म के कार्यों की मनाही होती है। गर्भवती महिलाओं की सूतक काल से ग्रहण की अवधि में बहुत सतर्क रहना होना होता है। हालांकि, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव : वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का शुभ-अशुभ प्रभाव 12 राशियों पर भी पड़ता है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, मेष,मिथुन, कर्क, कन्या,वृश्चिक,कुंभ और मीन राशि वालों को साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कष्टकारी फल दे सकता है। वहीं, वृषभ,सिंह, धनु और मकर राशि वालों के लिए यह चंद्र ग्रहण जीवन में खुशियां लाएगा।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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