18 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण क्या भारत में दिखाई देगा? यहां जानें सबकुछ
- साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 6:11 बजे शुरू होगा। यह ग्रहण 10:17 बजे खत्म होगा। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।
साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 6:11 बजे शुरू होगा। यह ग्रहण 10:17 बजे खत्म होगा। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण यूरोप, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, आकंटिक और उत्तर, पश्चिम और उत्तरी अमेरिका आदि देशों में दिखाई देगा। ग्रहण को विज्ञान में खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन हिंदू धर्म और ज्योतिष विद्या में ग्रहण को अशुभ माना गया है। चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले ही सूतक लग जाता है।
आंशिक चंद्र ग्रहण क्या है?
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं: उपछाया ग्रहण , जब चंद्रमा केवल पृथ्वी के उपछाया को पार करता है; आंशिक ग्रहण, जब चंद्रमा आंशिक रूप से पृथ्वी की छाया की प्रच्छाया (छाया का गर्भ या केंद्र ) में आ जाता है और पूर्ण ग्रहण , जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया की प्रच्छाया में आ जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, 21वीं सदी में पृथ्वी पर कुल 228 चंद्र ग्रहण होंगे। चंद्र ग्रहण साल में अधिकतम तीन बार ही हो सकता है।
सूतक काल मान्य नहीं होगा
भारत में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार धार्मिक कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब होता है मान्य: चंद्र ग्रहण की घटना का धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों ही महत्व हैं। अगर चंद्र ग्रहण आपके शहर या देश में न दिखाई दे लेकिन दूसरे देशों में नजर आ रहा हो इस संबंध में भी ग्रहण से जुड़े नियम जैसे सूतक काल आदि मान्य नहीं होता है, लेकिन अगर मौसम की वजह से चंद्र ग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होता है और ग्रहण से संबंधित सभी सावधानियों का पालन भी किया जाता है।
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