Hindi Newsधर्म न्यूज़Chanakya Niti: wise people also face problems by these 6 mistakes

Chanakya Niti:इन 6 गलतियों की वजह से बुद्धिमान व्यक्ति को भी झेलना पड़ता है कष्ट,जानिए क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य

  • Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन में कष्टों से बचने के लिए बुद्धिमान व्यक्तियों को कुछ खास बातों का ख्याल रखने के सलाह दी है। चाणक्य नीति के अनुसार, बुद्धिमान लोगों को कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 18 Nov 2024 08:29 PM
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन में कामयाबी हासिल करने और तरक्की की राह पर निरंतर आगे बढ़ने के लिए कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखने की सलाह दी है। किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना अधर्म और अपराध भी है, लेकिन नीतीशास्त्र के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में किए जाने वाले कार्य धर्म के विरुद्ध नहीं माने जाते हैं। अपराधी को दंडित करना भी अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। मानव कल्याण के लिए बुद्धिमान व्यक्ति को कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए।

1.दुनियादारी और राजनीति की समझ से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। हालांकि, जानकार होने पर यदि व्यक्ति सही समय पर निर्णय नहीं लेता है, तो जानना-समझना सबकुछ व्यर्थ है। इसलिए व्यक्ति में समय के अनुरुप हर परिस्थिति में कोई भी फैसला लेने की क्षमता होनी चाहिए।

2.चाणक्य के अनुसार,मूर्ख व्यक्ति को ज्यादा समझाने और ज्ञान देने से कोई लाभ नहीं होता है बल्कि इससे सज्जन और बुद्धिमान व्यक्ति को ही नुकसान उठाना पड़ता है। उदाहरण के लिए बया और बंदन की कहानी। जिसमें मूर्ख बंदर को घर बनाने की सलाह देकर बया को अपना घोंसले से ही हाथ धोना पड़ा था।

3.आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार,दुखी व्यक्ति के साथ व्यवहार रखने पर भी बुद्धिमान व्यक्ति को कष्ट सहने पड़ते हैं। दुखी व्यक्ति से व्यवहार रखने का मतलब जो व्यक्ति अनेक रोगों(संक्रामक रोग) से पीड़ित हो। ऐसे लोगों के साथ रहने पर स्वंय रोगी होने की संभावना रहती है।

4यआचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन लोगों का धन नष्ट हो चुका है अर्थात् जो दिवालिया हो चुका है, उनपर एकाएक विश्वास करना मुश्किल होता है। ऐसे लोगों का दुखों से बाहर निकलना काफी मुश्किल होता है। हालांकि, जो लोग वास्तव में दुखी है और मेहनत करके मुश्किलों से बाहर निकलना चाहते हैं, उनका भरपूर सहयोग करना चाहिए।

5.आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में दुष्ट स्वभाव वाली, कठोर वचन बोलने वाली और दुराचारिणी स्त्री होती है,वहां गृहस्वामी की स्थिति किसी मृतक के समान ही होती है, क्योंकि उनका परिस्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं होता है और वह भीतर ही भीतर परेशान रहता है।

6.चाणक्य नीति के अनुसार, दुष्ट स्वभाव वाला मित्र और नौकर भी विश्वास योग्य नहीं होता है। ऐसे लोगों से कभी भी धोखा मिल सकता है। जो आपके अधीन काम करने वाली कर्मचारी पलटकर आपके सामने जवाब देता है,वह कभी भी आपको असहनीय नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे लोगों से हमेशा सतर्क रहें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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