चाणक्य नीति: मां के गर्भ में ही तय हो जाती हैं ये 5 बातें
- Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मां के गर्भ में ही कुछ बातें तय हो जाती हैं। जानें इन बातों के बारे में क्या कहती है चाणक्य नीति-
Chanakya Niti: नीति शास्त्र के अनुसार, बच्चे के जन्म होने से पहले ही कुछ बातें तय हो चुकी होती हैं। कहा जाता है कि इन बातों को व्यक्ति चाहकर भी नहीं बदल सकता है। इन सभी बातों का जिक्र आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में वर्णित एक श्लोक के माध्यम से किया है।
श्लोक- आयुः कर्म च वित्तं च विद्या निधनमेव च।
पञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः ।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब बच्चा मां के गर्भ में आता है तब उसकी आयु, कर्म, धन, विद्या और मृत्यु यह पांच बातें निश्चित हो जाती हैं। चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति के जीवन की बातें पहले से ही तय हो जाती हैं कि वह कितने वर्ष जीवित रहेगा, किस प्रकार के कर्म करेगा, उसे धन की प्राप्ति कैसे होगी और वह विद्या कितनी प्राप्त करेगा। जानें विस्तार से-
1. चाणक्य कहते हैं कि एक बच्चे की आयु कितनी होगी इसका फैसला उसके जन्म से पहले ही मां की गर्भ में ही हो जाता है। इस तय आयु को कोई व्यक्ति चाह कर भी नहीं बदल सकता है।
2. चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को धरती पर अपने कर्म के अनुसार ही फल प्राप्त होते हैं। कर्मों के हिसाब से व्यक्ति की जिंदगी में सुख-दुख आते हैं। कोई भी व्यक्ति किस तरह के कर्म करेगा इसका फैसला जन्म से तय नहीं होते हैं बल्कि पिछले जन्म में ही इसका फैसला तय हो चुका होता है।
3. चाणक्य नीति के अनुसार, जब कोई बच्चा मां के गर्भ में होता है तब इसका फैसला हो जाता है कि उसके भाग्य में शिक्षा और धन कितना है। हर व्यक्ति ये चीजें जन्म से पहले से ही अपने साथ लेकर आता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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