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Hindi Newsधर्म न्यूज़Chanakya Niti In this situation a person has knowledge of the reality of his wife friend and brother

चाणक्य नीति: व्यक्ति को इस स्थिति में होता है पत्नी, मित्र, भाई व सेवक की वास्तविकता का ज्ञान

  • Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने एक नीति में बताया है कि किन स्थिति में सच्चे सेवक, मित्र, भाई व पत्नी की पहचान होती है। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि सच्चा बंधु कौन होता है। पढ़ें आचार्य चाणक्य की ये नीति-

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 Sep 2024 08:19 AM
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़ी तमाम परेशानियों का हल बताया है। एक श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने बताया है कि आखिर सेवक, मित्र, भाई व पत्नी की किन स्थितियों में परीक्षा होती है। आप भी पढ़ें नीति शास्त्र में वर्णित ये नीति-

श्लोक- जानीयात् प्रेषणे भृत्यान् बान्धवान् व्यसनागमे । मित्रं चापत्तिकाले तु भार्यां च विभवक्षये।।

नीति शास्त्र में वर्णित इस श्लोक का अर्थ है कि काम लेने पर नौकर-चाकरों की, दुख आने पर बंधु-बांधवों की, कष्ट आने पर मित्र की और धन नष्ट होने पर अपनी पत्नी की वास्तविकता का ज्ञान होता है।

चाणक्य कहते हैं कि जब सेवक (नौकर) को किसी काम के लिए नियुक्त किया जाएगा तभी पता चलेगा कि वह कितना योग्य है। इसी प्रकार जब व्यक्ति किसी मुसीबत में फंस जाता है तो उस समय भाई-बंधु और रिश्तेदारों की परीक्षा होती है। मित्र की पहचान भी विपत्ति के समय ही होती है। इसी प्रकार धनहीन होने पर पत्नी की वास्तविकता का पता चलता है कि उसका प्रेम धन के कारण था या वास्तविक।

नीति शास्त्र के अनुसार ये होता है सच्चा बंधु-

श्लोक- आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसङ्कटे । राजाद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।

नीति शास्त्र में वर्णित इस श्लोक का अर्थ है कि किसी रोग से पीड़ित होने पर, दुख आने पर, अकाल पड़ने पर, शत्रु की ओर से संकट आने से, राज सभा में, श्मशान या किसी की मृत्यु के समय जो व्यक्ति साथ नहीं छोड़ता, वास्तव में वही सच्चा बंधु माना जाता है।

चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के रोग शय्या पर पड़े होने या दुखी होने, अकाल पड़ने और शत्रु द्वारा किसी भी प्रकार का संकट होने पर, किसी मुकदमे आदि में फंस जाने और मरने पर जो व्यक्ति श्मशान घाट तक साथ देता है, वही सच्चा बंधु या अपना होता है। ये अवसर ऐसे होते हैं जब सहायकों की आवश्यकता होती है। आमतौर पर देखा जाता है कि किसी की मदद करता है, उसी को मदद मिलती है। जो समय पर किसी के काम नहीं आता, उसका साथ कौन देगा?

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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