बुद्ध पूर्णिमा कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि
- Buddha Purnima : वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

Buddha Purnima : वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है, इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर ही गौतम बुद्ध का जन्म और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उनके जीवन में तीन अधिक महत्वपूर्ण घटनाएं रही है, पहला उनका जन्म, दूसरा ज्ञान और तीसरा मोक्ष, यह सभी एक ही तिथि पर आते हैं। इस दिन भगवान बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की पूजा की जाती है। इस दिन को हिंदू और बौद्ध दोनों धर्म के लोग इस दिन को धूमधाम के मानते हैं। बौद्ध धर्म के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा डेट-12 मई, 2025
मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - मई 11, 2025 को 08:01 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - मई 12, 2025 को 10:25 पी एम बजे
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि-
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।
नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें।
भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है।
इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रदर्शन किए बिना व्रत पूरा नहीं होता। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन जरूरी होते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की उपासना करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।