Neelam: शनि का रत्न नीलम कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए?
- Blue Sapphire, Neelam : नीले रंग का रत्न है नीलम, जो शनि ग्रह से संबंधित है। नीलम रत्न को सही विधि और सही तरीके से धारण करने पर शनि ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। इससे शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या में राहत मिलती है।
Blue Sapphire, Neelam : रत्न शास्त्र में नीलम का संबंध शनि ग्रह से माना गया है, जो नीले रंग का है। कुंडली के अनुसार, रत्न धारण करने से ग्रहों को मजबूत करने में मदद मिलती है। वहीं, नीलम रत्न को धारण करने के भी नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। नीलम को सही विधि और सही तरीके से धारण करने पर शनि ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। कोई भी रत्न पहनने से पहले कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखनी चाहिए। नीलम धारण करने से शनि की महादशा, साढ़ेसाती, अंतर्दशा और ढैय्या का प्रकोप कम होता है। आइए जानते हैं नीलम कब, किसे व कैसे धारण करना चाहिए-
नीलम कब करें धारण?
शनि ग्रह से संबंधित होने के कारण नीलम को शनिवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, इसे धारण करने से पहले शुद्धि करना जरूरी माना जाता है।
नीलम कैसे करें धारण?
नीलम रत्न को पंचधातु में जड़वा कर धारण किया जा सकता है। यह रत्न कम से कम 7 से सवा 8 रत्ती का धारण करना चाहिए। शनिवार के दिन गंगाजल, और कच्चे दूध से पहले नीलम की शुद्धि करें। फिर इसे शनि देव को अर्पित कर दें। विधिवत पूजा-अर्चना करें। कुछ देर के बाद इस रत्न को मध्यमा उंगली में धारण कर लें।
नीलम किसे करना चाहिए धारण?
नीलम रत्न को शनि देव का रत्न माना जाता है। इसलिए कुंभ राशि और मकर राशि के जातकों के लिए नीलम रत्न धारण करना शुभ साबित हो सकता है। नीलम के साथ मूंगा, माणिक्य और मोती नहीं पहनना चाहिए। वहीं, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले आपको कुंडली में अपने ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए और ज्योतिषाचार्य की सलाह लेना ज्यादा बेहतर रहेगा।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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