Bhisma Panchak 2024: भीष्म पंचक आज से, जानें पूजा विधि
- Bhishma Panchak 2024: दृक पंचांग के अनुसार, आज 11 नवंबर से पांच दिवसीय भीष्म पंचक व्रत की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन 15 नवंबर को होगा। इन दिनों में विष्णुजी की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है।
Bhishma Panchak 2024: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहारों का बड़ा महत्व है। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से पांच दिवसीय भीष्म पंचक व्रत की शुरुआत होती है, जिसका समापन पूर्णिमा तिथि को होता है। दृक पंचांग के अनुसार,इस साल 11 नवंबर 2024 से भीष्म पंचक व्रत की शुरुआत होगी और 15 नवंबर 2024 को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भीष्म पंचक व्रत रखने से संतान की स्वास्थ्य अच्छी रहती है। साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में अनाज का सेवन करने की मनाही होती है। इसलिए पांच दिनों में दूध या पानी का सेवन किया जाता है। इस व्रत को विष्णु पंचक के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं भीष्म पंचक व्रत की पूजाविधि...
भीष्म पंचक व्रत की पूजाविधि :
इन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
विष्णुजी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद पूजन स्थल को गाय के गोबर से लीप दें।
अब सर्वतोभद्र की वेदी बनाएं और कलश स्थापित करें।
इसके बाद कृष्णजी की विधिवत पूजा करें।
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें।
ऊँ विष्णवे नमः मंत्र बोलकर घी, तिल और जौ की 108 बार आहुति दें।
घी का एक बड़ा दिया जलाएं। यह दीपक पांच दिनों तक लगातार जलता रहना चाहिए।
भीष्म पंचक के दौरान विष्णुजी को अर्पित करें ये चीजें-
पहले दिन भगवान विष्णु के चरणों में कमल का फूल अर्पित करें।
दूसरे दिन भगवान विष्णु की जांघ पर बिल्व पत्र चढ़ाना चाहिए।
तीसरे दिन विश्वेश्वर व्रत भगवान की नाभि पर सुगंध चढ़ाएं
भीष्म पंचक के चौथे दिन भगवान के कंधे पर गुड़हल का फूल चढ़ाएं।
पांचवे दिन भगवान के सिर पर मालती के फूल चढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।