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शोभन और सौभाग्य योग में भाई दूज आज, नोट करें लें भाई को तिलक करने का सबसे उत्तम मुहूर्त

  • Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurat : आज 03 नवंबर को कई शुभ संयोगों में भाई दूज मनाया जा रहा है। इससे भाई दूज के पावन पर्व का महत्व कहीं गुना अधिक बढ़ जाता है। यह योग सौभाग्य को जगाने वाला माना जाता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 3 Nov 2024 07:34 AM
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Bhai Dooj 2024 : गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। हर साल कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को बहनें अपने भाई की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए यमराज की पूजा करती हैं और भाई को तिलक करती हैं। इस त्योहार को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रात द्वितीया समेत कई नामों से जाना जाता है। आचार्य मुकेश मिश्रा के अनुसार, 02 नवंबर को रात 8:21 पीएम पर कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि शुरू हो चुकी है, और 03 नवंबर को रात 10:05 मिनट पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 03 नवंबर को भाई दूज है। इस बार 03 नवंबर को इस शुभ पर्व पर सौभाग्य और शोभन योग का संयोग बन रहा है। जिससे इन दिन का महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। आचार्य मुकेश मिश्रा के अनुसार, सौभाग्य योग भाग्य को जागृत करता है और शोभन योग परमात्मा की कृपा से सुशोभित है। आइए जानते हैं भाई दूज का शुभ मुहूर्त और तिलक करने की विधि...

भाई दूज का शुभ मुहूर्त : ज्योतिषाचार्य पंडित एसएस नागपाल के अनुसार भाई दूज के दिन टिका लगाने का श्रेष्ठ मुहूर्त 12:56 से 03:09 बजे तक रहेगा। इस दिन भाई दूज के साथ चित्र गुप्त भगवान की भी पूजा की जाएगी। यम द्वितीया के दिन सामूहिक कलम दवात पूजन और चित्रगुप्त भगवान को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

अशुभ समय : 03 नवंबर को शाम 04:30 बजे से 06:00 बजे तक राहुकाल समय रहेगा। बहनों को इस दौरान अपने भाईयों को तिलक नहीं करना चाहिए। शाम को 06 बजे से रात 9 बजे तक शुभ और अमृत चौघड़िया में भाई को टीका कर सकती है।

भाई दूज पर तिलक लगाने की विधि:

भैया दूज के दिन सबसे पहले स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।

उसके बाद पूजा की एक थाली तैयार करें। जिमें रोली,अक्षत,मिठाई,सूखा नारियल इत्यादि हो।

भैया दूज की पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करें।

अब बहनें भाईयों को अक्षत और रोली का तिलक लगाएं।

भाई को मिठाई खिलाएं और उनकी आरती उतारें।

इसके बाद भाई को अपने बहन का आशीर्वाद लेना चाहिए।

भाईयों को अपने बहनों को कुछ न कुछ उपहार जरूर देना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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