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Bhai Dooj Shubh Muhurat : भाई तूज तिलक का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा-विधि

  • भैया दूज भाई-बहन के अटूट और अनन्य प्रेम का प्रतीक पर्व है। त्योहारों का देश माने जाने वाले भारत में भाई-बहन के प्रेम व पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन और भैया दूज दो महत्वपूर्ण त्योहार है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 2 Nov 2024 04:57 PM
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Bhai Dooj 2024 : भैया दूज भाई-बहन के अटूट और अनन्य प्रेम का प्रतीक पर्व है। त्योहारों का देश माने जाने वाले भारत में भाई-बहन के प्रेम व पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन और भैया दूज दो महत्वपूर्ण त्योहार है। दोनों ही त्योहारों में भाई और बहन एक-दूसरे के प्रति परंपरागत तरीके से स्नेह प्रकट करते हैं। इस साल 3 नवंबर को भैया दूज है। आइए जानते हैं, भैया दूज पूजा-विधि, सुभ मुहूर्त और मंत्र…

भैया दूज पर ऐसे करें पूजा-

पर्व के दिन बहनें घर के मुख्य द्वार पर गोधन का चौका बनाती हैं। उस चौके के अंदर भाइयों के दुश्मनों के प्रतीक स्वरूप गोबर से यम या मेरुदंड, मुसल, सर्प-बिच्छू आदि बनाए जाते हैं। कुछ देर बाद आसपास की सभी बहने और महिलाएं चौक के पास बैठ कर चीनी से बनी मिठाइयों, चूरा, गट्टा आदि चढ़ाती है। फिर उसमें नारियल, पान व सुपारी आदि रखकर उसे मूसल से बहनें कूटती हैं। उसके बाद भाइयों की लंबी आयु की कामना करते हुए कुश-सरपट सहित अन्य को छोटे-छोटे टुकड़े करती हैं। इस कार्य को करते वक्त मौन रहा जाता जाता है और भाई के लिए मंगल कामना की जाती है। इस तरह पूजा में शामिल सभी महिलाएं व युवतियां एक-दूसरे से पूछती हैं कि वह क्या कर रही हैं। वह कहती हैं कि भाइयों की आयुजोड़ रही हैं। यही नहीं पूजा के दौरान बहनें अपने भाइयों को श्राप भी देती हैं। इसके बाद भाइयों की लंबी उम्र की दुआएं करती हैं। इस दौरान कई सारे लोकगीतों की झंकार भी सुनने को मिलती है।

तिलक का शुभ मुहूर्त-

भाई दूज अपराह्न समय - 01:10 पी एम से 03:22 पी एम

अवधि - 02 घण्टे 12 मिनट्स

बहने इस मंत्र का जप जर करें-

गंगा पूजेयमुना को यमी पूजेयमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।

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