Bhai dooj katha: यहां पढ़ें भाई दूज की सात बेटों और एक बेटी वाली संपूर्ण कहानी
- Bhai dooj katha: कार्तिक मास की दूज को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यहां पढ़ें भाई दूज की सात बेटों और एक बेटी वाली संपूर्ण कहानी
Bhai dooj katha hindi mein: कार्तिक मास की दूज को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यहां पढ़ें भाई दूज की सात बेटों और एक बेटी वाली संपूर्ण कहानी
एक बुढ़िया माई थीं, उसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी कि शादी हो चुकी थी। बुढिया माई को एक दुख था कि उसके सात बेटों में से छह बेटे मर गएथे। जब भी उसके बेटे कि शादी होती, फेरों के समय एक नाग आता और उसके बेटे को डस लेता था। बेटे कि वही मृत्यु हो जाती और बहू विधवा, इस तरह उसके छह बेटे मर गए। सातवे कि शादी होनी बाकी थी। इस तरह अपने बेटों के मर जाने के दुःख से बूढ़ी माई रो-रो के अंधी हो गई थी। भाई दूज आने को हुई तो भाई ने कहा कि मैं बहन से तिलक कराने जाऊंगा। मां ने कहा ठीक है। उधर जब बहन को पता चला कि उसका भाई आ रहा है तो वह खुशी से पागल होकर पड़ोसन के गई और पूछने लगी कि जब बहुत प्यारा भाई घर आए तो क्या बनाना चाहिए। पड़ोसन उससे जलती थी, तो उसने उसे सब गलत बता दिया कि दूध से रसोई लेप, घी में चावल पका। बहन ने ऐसा ही किया।
उधर भाई जब बहिन के घर जा रहा था तो उसे रास्ते में सांप मिला। सांप उसे डसने को हुआ। भाई बोला ने बोला कि तुम मुझे क्यों डसना चाहते हो? सांप बोला कि मैं तुम्हारा काल हूं और मुझे तुमको डसना है।
भाई ने उससे निवेदन किया कि मेरी बहन मेरा इंतजार कर रही है, मैं जब तिलक करा के वापस लौटूंगा, तब तुम मुझे डस लेना।इस पर सांप बोला कि भला आज तक कोई अपनी मौत के लिए लौट के आया है, जो तुम आने के लिए कह रहे हो। भाई ने कहा कि अगर तुझे यकीन नही है तो तू मेरे झोले में बैठ जा। इस पर भाई ने कहा कि अगर तुझे मुझ पर विश्वास नहीं तो मेके झोले में बैठ जा। सांप ने एसा ही किया। बहन के घर जब भाई आया तो वह बहुत खुश हुई। भाई बोला कि बहन, जल्दी से खाना दे, बड़ी भूख लगी है। अब बहन खाना कैसे दें, क्यों कि पड़ोसन के बताए अनुसार दूध से लीपकर रसोई सूखी नहीं और घी में तावल पके नहीं। तब भाई ने कहा कि बहन इतनी देर क्यूं लग रही है, तू क्या पका रही है। ऐसे में भाई ने बहन को पूरा तरीका बताया कि गोबर से रसोई लीप, दूध में चावल पका। बहन ने एसा ही किया। खाना खा के भाई को बहुत ज़ोर नींद आने लगी। इतने में बहन के बच्चे आ गये। बोले-मामा मामा हमारे लिए क्या लाए हो। भाई बोला कि मैं कुछ नहीं ला पाया , इस पर बच्चों ने मामा का झोला ले लिया और खोलकर देखा तो उसमें सांप की जगह हीरे का हार था।
अगले दिन भाई बोला किअब मुझे जाना है, मेरे लिए खाना रख दे| बहन ने उसके लिए लड्डू बना के एक डब्बे मे रख के दे दिए। भाई कुछ दूर जाकर, थक कर एक पेड़ के नीचे सो गया। उधर बहन के जब बच्चों को जब भूख लगी तो मां से कहा कि खाना दे दो। मां ने कहा कि खाना अभी बनने में देर है। तो बच्चे बोले कि मामा को जो रखा है वही दे दो। तो वह बोली कि लड्डू बनाने के लिए बाजरा पीसा था, वही बचा पड़ा है चक्की में, जाकर खा लो। बच्चों ने देखा कि चक्की में तो साँप कि हड्डियां पड़ी है।
यही बात मां को आकर बताई तो वह पागल सी हो कर भाई के पीछे भागी। सभी से पूछती, किसी ने मेरा भाई देखा, किसी ने मेरा भाई देखा। तब एक ने बताया कि कोई लेटा तो है पेड़ के नीचे, देख ले वही तो नहीं। भागी भागी पेड़ के नीचे पहुची। अपने भाई को नींद से उठाया। भैया भैया कहीं तूने मेरे लड्डू तो नही खाए। तब बहन ने भाई से कहा कि मैं भी घर तक तेरे साथ चलूंगी। कुछ दूर जाने पर उसे एक बुढिया मिली जिसने बताया कि तेरे भाई पर संकट है। तेरे छह भाई मर गए और अब सातवें की शादी होने पर यह भी मरेगा। बहन ने बहुत प्रार्थना करने पर उस बुढ़िया से भाई के बचाने का रास्ता पूछ लिया।
भाई के पास आकर बोलने लगी, तू तो जलेगा, कुटेगा, मरेगा। भाई चोंक गया पर उसे कुछ समझ नही आया। इसी तरह दोनो भाई बहन मां के घर पहुंच गये। थोड़े समय के बाद भाई के लिए सगाई आने लगी। उसकी शादी तय हो गयी। जब भाई को सहरा पहनाने लगे तो वह बोली इसको क्यों सहरा बंधेगा, सहारा तो मैं पहनूंगी। ये तो जलेगा, मरेगा। बहन ने देखा उसमें कलंगी कि जगह सांप का बच्चा था।बहन ने उसे निकाल के फैंक दिया। सभी लोग बहन की तारीफ करने लगे। अब जब भाई घोड़ी चढ़ने लगा तो बहन फिर बोली ये घोड़ी पर क्यों चढ़ेगा, घोड़ी पर तो मैं बैठूंगी, ये तो जलेगा, मरेगा। सब ने उसे घोड़ी पर भी चढ़ने दिया।
अब जब बारात चलने को हुई तब बहन बोली कि पहले इस दरवाजे से मैं निकलूंगी। ये तो पीछे के रास्ते से जाएगा, दरवाजे से तो मैं निकलूंगी। जब वह दरवाजे के नीचे से जा रही थी तो दरवाजा अचानक गिरने लगा। रास्ते में
ऐसे करते करते फेरों का समय आ गया। जब दुल्हन आई तो उसने दुल्हन के कान में कहा कि अब तक तो मैने तेरे पति को बचा लिया, अब तू ही अपने पति को और साथ ही अपने मरे हुए जेठों को बचा सकती है।
फेरों के समय एक नाग आया, वो जैसे ही दूल्हे को डसने को हुआ , दुल्हन ने उसे एक लोटे में भर के उपर से प्लेट से बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद नागिन लहर लहर करती आई। ऐसे में नागिन अपने पति को वापस मांगने आई तो बहू ने कहा कि पहले मेरे सातों जेठों को जिंदा कर। नागिन ने उसकी बात मानी और उसके सभी जेठों को जिंदा कर दिया।
उधर रो रो के बुढ़िया का बुरा हाल था। कि अब तो मेरा सातवा बेटा भी बाकी बेटों कि तरह मर जाएगा। गांव वालों ने उसे बताया कि उसके सात बेटा और बहुए आ रही हैं। इसके बाद सभी ने उसकी बहन की प्रशंसा की। जैसे उस बहन ने अपने भाई की रक्षा की वैसे भगवान सभी के भाईयों की रक्षा करना।
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