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Basant Panchami: शुभ योग में बसंत पंचमी, जानें मुहूर्त, पूजा-विधि

  • Basant Panchami Date : बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने की परंपरा है। मान्यता है कि मां सरस्वती के जन्मदिन तथा रति व कामदेव के पृथ्वी पर आगमन के रूप में बसंत पंचमी मनाई जाती है।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 27 Jan 2025 01:40 PM
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Basant Panchami: शुभ योग में बसंत पंचमी, जानें मुहूर्त, पूजा-विधि

Basant Panchami Date: इस साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि दो दिन होने के कारण सही तिथि को लेकर असमंज की स्थिति बनी हुई है। वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से आरंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के हिसाब से बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का विधान है। इस दिन आप सुबह 7 बजकर 10 मिनट से लेकर 9 बजकर 30 मिनट तक के बीच मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं।

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शुभ योग में बसंत पंचमी: पंचांग अनुसार, बसंत पंचमी के दिन शिव योग सुबह 09:14 तक रहेगा, जिसके बाद सिद्ध योग 06:06 ए एम फरवरी 03 तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग 07:09 ए एम से 00:52 ए एम , फरवरी 03 रहेगा।

पूजा-विधि: प्रातः काल स्नान कर पीले, बसंती अथवा सफेद वस्त्र धारण कर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती का चित्र या मूर्ति रखें। सबसे पहले कलश स्थापना करें। इसके बाद गणेश जी की और नवग्रहों की पूजा करने के बाद मां को सफेद, पीले फूल अर्पित कर श्रद्धा के साथ सरस्वती मंत्र का जाप करें। मां को बेसन के लड्डू, पीली या सफेद मिठाई, केले आदि का भोग लगाकर आरती करें।

उपाय- बसंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों को श्रद्धापूर्वक मां सरस्वती का मंत्र ऊं ऐं सरस्वती नमः का जाप करना चाहिए। इससे उन्हें विद्या, विवेक, बुद्धि का लाभ मिलेगा।

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बसंत पंचमी महत्व: इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। इस खास पर्व पर मां सरस्वती के पूजन के साथ माता रति और कामदेव का भी पूजन किया जाता है। मान्यता है कि मां सरस्वती के जन्मदिन तथा रति व कामदेव के पृथ्वी पर आगमन के रूप में बसंत पंचमी मनाई जाती है। इसलिए दंपति रति और कामदेव का भी इस दिन पूजन करते हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में किसी तरह का कष्ट न आए। मान्यता है कि जो लोग बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उपवास रख श्रद्धापूर्वक उनकी आराधना करते हैं, उन पर मां सरस्वती की विशेष कृपा होती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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