आषाढ़ विनायक चतुर्थी 9 जुलाई को, नोट करें पूजा-विधि, मुहूर्त टाइम और खास उपाय
- Ashadha Vinayak Chaturthi : जुलाई महीने की इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। इस दिन संध्या में व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और भगवान गणेश और चन्द्र देव की पूजा करेंगी।
July Vinayaka Chaturthi 2024: इस साल आषाढ़ मास की विनायक चतुर्थी 9 जुलाई के दिन पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश और चन्द्र देव की उपासना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, जो भी इस दिन भगवान गणेश की उपासना करते हैं, उनके जीवन से सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं। इस दिन संध्या में व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देंगी। इस व्रत को महिलाएं संतान प्राप्ति एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी करती हैं। आइए जानते हैं आषाढ़ विनायक चतुर्थी पूजा की तिथि, विधि, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय समय, मंत्र और गणेश जी की आरती-
आषाढ़ विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
- आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ - 06:08 ए एम, जुलाई 09
- आषाढ़, शुक्ल चतुर्थी समाप्त - 07:51 ए एम, जुलाई 10
- अवधि- 02 घण्टे 40 मिनट्स
पूजा-विधि
1- भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें
2- गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं
3- मोदक का भोग लगाएं
4- आषाढ़ विनायक चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ करें
5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें
6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें
7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें
8- व्रत का पारण करें
9- क्षमा प्रार्थना करें
चांद निकलने का टाइम
दृक पंचांग के अनुसार, 9 जुलाई को 08:25 ए एम पर चंद्रोदय होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है। चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत सम्पूर्ण माना जाता है।
मंत्र- ॐ गणेशाय नमः
उपाय- पूजा के उपरांत चन्द्र देव को दूध का अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय व्रती अपनी निगाहें नीचे रखती हैं और गणेश जी के मन्त्रों का जाप कर खुशहाली की कामना करती हैं। गणेश जी की पूजा के समय अगर पति-पत्नी साथ बैठकर ‘ॐ वक्रतुण्डाय नमः मंत्रोच्चारण का जाप करते हैं, तो वह काफी शुभकारी माना जाता है।
गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
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