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Amla Navami 2024 :आंवला नवमी कल, ज्योतिर्विद से जानें शुभ मुहूर्त, सामग्री लिस्ट और पूजाविधि

  • Amla Navami 2024 Date and Time : हिंदू धर्म में अक्षय नवमी के दिन विष्णुजी और आंवले के पौधे की पूजा की जाती है। इस दिन को आंवला नवमी और कुष्मांडक नवमी भी कहा जाता है। इस साल 10 नवंबर को अक्षय नवमी है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 9 Nov 2024 10:06 AM
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Amla Navami 2024 Date : प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है। इस साल 10 नवंबर को अक्षय नवमी है। इस दिन विष्णुजी और आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना की जाती है। आंवले के पौधे के पूजन के बाद वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से विष्णुजी और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन आंवले के पेड़ की परिक्मार भी की जाती है। कहा जाता है कि इससे साधक की सभी मनचाही इच्छा पूरी होती हैं। इस दिन विष्णुजी ने कुष्मांडक दैत्य को मारा था। इसलिए इस पर्व को कुष्मांडक नवमी भी कहा जाता है। आंवले के वृक्ष में देवी-देवताओं का निवास माना जाता है। अक्षय नवमी के दिन दान-पुण्य के कार्य भी अति शुभ फलदायी माने गए हैं। आइए जानते हैं आंवला नवमी का शुभ मुहूर्त, सामग्री लिस्ट और पूजाविधि...

आंवला नवमी 2024 कब है?

कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 09 नवंबर 2024 को रात 10:45 पीएम पर शुरू होगी। 10 नवंबर 2024 09:01 पीएम पर समाप्त होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, 10 नवंबर को आंवला नवमी मनाया जाएगा।

आंवला नवमी पूजन शुभ मुहूर्त :

भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा व्रत पर्व विधिज्ञा अनिशा सोनी पाण्डेय के अनुसार, सुबह 07:05 बजे से दोपहर 12:20 बजे तक स्थिर लग्न, चर, लाभ और अमृत चौघड़िया पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद अपरान्ह 1:20 से 2: 45 पीएम तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।

पूजा-सामग्री : आंवला नवमी पूजा के लिए हल्दी, कच्चा दूध, कुमकुम, अक्षत, फूल, चंदन चाहिए। इसके सात ही आंवला नवमी पर पूड़ी, सब्जी और खीर बनाई जाती है।

पूजाविधि :

आंवला नवमी के दिन पूर्व दिशा में बैठकर आंवले के पौधे की पूजा करनी चाहिए।

आंवले के जड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं। पेड़ के चारों ओर कच्चा धागा या मौली बांधे।

इसके बाद कपूर या घी के दीपक से पौधे की आरती उतारें।

आंवले के पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें।

इसके बाद परिवार के साथ मिलकर विष्णुजी, मां लक्ष्मी और आंवले के पेड़ की पंचोपचार और शोडषपचार पूजा करें।

आंवला के पेड़ के नीचे भक्तिभाव से ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

फिर परिवार के साथ मिलकर स्वंय भी आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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