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Akshaya Navami 2024 :रवि योग में 10 नवंबर को मनाई जाएगी अक्षय नवमी,नोट कर लें मुहूर्त, पूजाविधि और महत्व

  • Akshaya Navami 2024 : दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 10 नवंबर को अक्षय नवमी मनाई जाएगी। इस मौके पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जिससे इस दिन विष्णुजी और आंवले के पौधे की पूजा करने का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 5 Nov 2024 03:43 PM
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Akshaya Navami 2024 : कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है। इस दिन श्रीहरि विष्णुजी और आंवले के पौधे की पूजा की जाती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवले के पौधे में विष्णुजी और ब्रह्माजी का वास होता है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन भी बनाया जाता है। इस भोजन को सबसे पहले विष्णुजी और शिवजी को अर्पित किया जाता है। इस साल अक्षय नवमी पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जिससे इस दिन का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं अक्षय नवमी का शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और धार्मिक महत्व...

कब है अक्षय नवमी ?

दृक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 09 नवंबर 2024 को रात 10 बजकर 45 मिनट पर हे रहा है और अगले दिन 10 नवंबर 2024 को सुबह 09:01 मिनट पर समापन हो रहा है। इसलिए उदयातिथिके अनुसार, 10 नवंबर को अक्षय नवमी मनाया जाएगा। इस साल अक्षय नवमी पर कई शुभ योग का निर्माण होगा।

रवि योग : 10 नवंबर को सुबह 10:59 पीएम से लेकर 11 नवंबर को सुबह 06:33 एएम तक रवि योग का निर्माण हो रहा है।

ध्रुव योग : अक्षय नवमी के दिन पूरे दिन ध्रुव योग का निर्माण होगा। नवमी तिथि पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है।

पञ्चक: अक्षय नवमी पर दिनभर पंचक रहेगा।

ब्रह्म मुहूर्त: 04:46 ए एम से 05:39 ए एम

अभिजित मुहूर्त : 11:34 ए एम से 12:17 पी एम

अक्षय नवमी की पूजाविधि :

अक्षय नवमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि के स्वच्छ कपड़े धारण करें।

आंवले के पौधे की पूजा शुरू करें। पौधे पर कच्चा दूध और गंगाजल अर्पित करें।

रोली,चंदन,फल और फूल चढ़ाएं। आंवले के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं।

पौधे की 7 बार परिक्रमा करें। लक्ष्मी-नारायण की विधिवत पूजा करें।

विष्णुजी के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद दान-पुण्य के कार्य करें।

पूजा समाप्त होने के बाद आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाएं।

सबसे पहले विष्णुजी और महादेव को अर्पित करें।

इसके बाद परिवार के साथ मिलकर आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करें।

अक्षय नवमी का महत्व : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ से अमृत की वर्षा होती है। इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और पेड़ के नीचे भोजन पकाया जाता है और परिजनों के साथ मिलकर खाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ और विष्णुजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और मनचाही मुराद पूरी होती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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