Ahoi Ashtami moonrise time: आज अहोई अष्टमी पर पूरे दिन गुरु पुष्य योग का संयोग संतान को क्या फल प्रदान करेगा?
- Ahoi Ashtami vrat for child: अहोई अष्टमी का व्रत संतान की खुशहाली व सलामती के लिए रखा जाता है। आज पूरे दिन गुरु पुष्य योग का संयोग इस व्रत को और ज्यादा विशेष व मंगलकारी बना रहा है।
Ahoi Ashtami Guru Pushya Yog Significance: अहोई अष्टमी का पर्व 24 अक्तूबर, गुरुवार को है। यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कुछ परिवारों में यह व्रत तारों को देखकर खोलते हैं और कुछ चंद्रमा को देखकर व्रत पारण करते हैं। यह व्रत माताएं संतान की लंबी आयु व रक्षा के लिए करती हैं। इस साल अहोई अष्टमी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो इस व्रत का प्रभाव बढ़ा रहे हैं। अहोई अष्टमी पर पूरे दिन गुरु पुष्य योग रहने वाला है। जानें ज्योतिषाचार्य से गुरु पुष्य योग संतान को क्या फल प्रदान करेगा-
अहोई अष्टमी पर बन रहे कई योग-
ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रलवाल के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 57 मिनट पर है और तारों को देखने का समय शाम 06:06 मिनट के आसपास है। इस दिन गुरु पुष्य नक्षत्र के अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग भी बन रहे हैं। कभी-कभी रहने वाला गुरु पुष्य योग अहोई अष्टमी के दिन लगभग पूरे दिन रात रहकर संतान को दीर्घायु प्रदान कर रहा है। चंद्रमा कर्क राशि, पुष्य नक्षत्र में रहेंगे। इस प्रकार अष्टमी तिथि गुरुवार को पूर्ण दिन-रात व्यापनी है।
पूजन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त- पूजन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त शाम 05 बजकर 39 मिनट से रात 07 बजकर 15 बजे तक है। इस दौरान प्रदोष काल भी रहेगा।
अष्टमी तिथि कब से कब तक- इस साल अष्टमी तिथि 24 अक्तूबर को सुबह 01 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है और 25 अक्तूबर को सुबह 01 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को करने से संतान के खुशहाल व दीर्घायु होने की मान्यता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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