पंजाब चुनाव 2022: इलेक्शन का ऐलान होते ही डेरे में नेताओं का डेरा, जेल में बंद हैं गुरमीत राम रहीम
पंजाब में चुनाव का ऐलान होते ही प्रदेश के नेता तमाम धार्मिक स्थलों पर देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही डेरों में भी डेरा जमाते नजर आ रहे हैं। रविवार को अकाली दल, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के नेता...
पंजाब में चुनाव का ऐलान होते ही प्रदेश के नेता तमाम धार्मिक स्थलों पर देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही डेरों में भी डेरा जमाते नजर आ रहे हैं। रविवार को अकाली दल, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के नेता बठिंडा में डेरा सच्चा सौदा के एक आयोजन में पहुंचे। बठिंडा के सलबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा के डेरे पर भाजपा के नेता हरजीत ग्रोवाल, सुरजीत जयानी, कांग्रेस के मंत्री विजय इंदर सिंगला, पूर्व मंत्री साधु सिंह धरमसोट, पूर्व विधायक हरमिंदर जस्सी और मंगत राय बंसल पहुंचे। नहीं आम आदमी पार्टी के बठिंडा शहरी सीट के उम्मीदवार जगरूप गिल भी डेरे पर पहुंचे। शिरोमणि अकाली दल के नेता गुलजार सिंह को भी वहां देखा गया।
इन सभी नेताओं ने कहा कि उनकी विजिट राजनीतिक नहीं थी, लेकिन चुनाव के ऐलान के ठीक बाद पहुंचने से संकेत साफ था। इस कार्यक्रम में डेरा की राजनीतिक कमिटी के चेयरमैन राम सिंह और स्टेट कमिटी के सदस्य भी मौजूद थे। हालांकि अब तक डेरे की ओर से किसी नेता या दल के समर्थन के बारे में कुछ कहा नहीं गया है। डेरा की ओर से कहा गया है कि सही समय पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि डेरा के सूत्रों का कहना है कि शायद इस बार किसी भी पार्टी के लिए समर्थन का ऐलान नहीं किय़ा जाएगा।
मालवा की 40 सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का है प्रभाव
इसकी बजाय इस बार सीटवार कुछ उम्मीदवारों के समर्थन पर फैसला लिया जा सकताहै। ट्रिब्यून के प्रवक्ता हरचरण सिंह ने कहा, 'यह एक धार्मिक आयोजन था। इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं था। आज का आयोजन डेरा के दूसरे प्रमुख रहे शाह सतनाम की स्मृति में था।' हालांकि अनुयायी डेरे के प्रमुख गुरमीत राम सिंह पर बेअदबी के मामलों को लेकर गुस्से में हैं। दरअसल डेरा सच्चा सौदा मालवा क्षेत्र की 40 सीटों पर असर रखता है।
पंजाब में हैं डेरा सच्चा सौदा के 84 डेरे
पूरे पंजाब में सच्चा सौदा के कुल 84 डेरे हैं। इनमें से सलबतपुरा समेत कुल 11 डेरे हैं, जो काफी बड़े हैं। इसी को देखते हुए नेताओं ने डेरे के अनुयायियों का रुख करना शुरू कर दिया है। बठिंडा के सलबतपुरा के ही डेरे में 2007 में एक आयोजन में गुरमीत राम सिंह पर गुरु गोविंद सिंह जैसा वेश बनाने पर विवाद छिड़ गया था। सिख समुदाय के लोगों का आरोप था कि उन्होंने गुरु की वेशभूषा धारण कर बेअदबी की है।
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