मणिपुर में हटेगा AFSPA? विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने स्पष्ट किया अपना रुख
मणिपुर में पहले चरण के विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्य में उनकी सरकार के पांच साल ने शांति सुनिश्चित की है जिसने भविष्य में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम...
मणिपुर में पहले चरण के विधानसभा चुनाव से पहले, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्य में उनकी सरकार के पांच साल ने शांति सुनिश्चित की है जिसने भविष्य में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम अफस्पा को निरस्त करने की नींव रखी है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब भाजपा की अपने अभियान और घोषणापत्र में अफस्पा पर चुप्पी साधने के लिए आलोचना हो रही है। मैदान में अन्य सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने मणिपुर में एक प्रमुख चुनावी वादे के रूप में अफ्सपा को निरस्त करने की वकालत की है।
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने शनिवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, "म्यांमार के साथ हमारी संवेदनशील सीमा है। इसलिए, अफस्पा हटाने से पहले केंद्र को खुद को आश्वस्त करना होगा। विद्रोही समूहों के साथ शांति वार्ता प्रक्रिया इसके लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। राज्य सरकार को जमीनी स्थिति बनानी होगी और पिछले पांच साल से हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली पिछले पांच वर्षों की सरकार ने भविष्य में AFSPA को समाप्त करने की नींव रखी है।"
28 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए मणिपुर में प्रचार का आज आखिरी दिन था। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्य भर में अपनी ट्रेडमार्क छोटी बैठकें आयोजित की हैं, जहां वह चुनावी एजेंडा पर मतदाताओं के साथ बातचीत करते नजर आए।
बीरेन सिंह ने बताया कि भाजपा के पास बढ़त है और उन्होंने अपनी पार्टी के लिए कुल 60 में से कम से कम 40 सीटों की भविष्यवाणी की है। उन्होंने चुनाव के बाद नेतृत्व परिवर्तन को भी दरकिनार कर दिया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।