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सहरसा विधानसभा सीट: BJP के आलोक रंजन ने RJD की लवली आनंद को हराया

सहरसा विधानसभा सीट से एनडीए के आलोक रंजन झा (103538 वोट) ने महागठबंधन की प्रत्याशी लवली आनंद (83859 वोट) को 19679 मतों से हरा दिया है। लवली आनंद बिहार के चर्चित पूर्व सांसद आनंद मोहन...

Sunil Abhimanyu पटना, लाइव हिंदुस्तान।, Wed, 11 Nov 2020 12:43 AM
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सहरसा विधानसभा सीट से एनडीए के आलोक रंजन झा (103538 वोट) ने महागठबंधन की प्रत्याशी लवली आनंद (83859 वोट) को 19679 मतों से हरा दिया है। लवली आनंद बिहार के चर्चित पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी है। आनंद मोहन इन दिनों आईएएस कृष्णैया हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। 

लवली आनंद 1994 के उपचुनाव में अपने पति की नवगठित बिहार पीपुल्स पार्टी से वैशाली सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची थीं। फिर वो बाढ़ और नबीनगर से एक-एक बार विधायक भी रहीं। पिछला विधानसभा चुनाव उन्होंने हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के टिकट पर शिवहर सीट से लड़ा था और महज 461 वोटों के मामूली अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वैशाली से आने वाले राजद के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद राजद को किसी मजबूत राजपूत चेहरे की तलाश थी। आनंद मोहन बिहार में राजपूतों का चर्चित नाम रहे हैं। इसी सोच के साथ लवली आनंद को राजद ने एंट्री दी। 

यादव मतदाता बहुल वाली इस सीट पर जातीय समीकरण के अलावा शहरी क्षेत्र का भी काफी प्रभाव है। 2010 में परिसीमन के बाद जहां इस सीट पर भाजपा के आलोक रंजन विजयी रहे, वहीं 2015 में इस सीट पर राजद के अरुण कुमार विजयी हुए। हालांकि 2020 को लेकर भाजपा अपनी सीट मानकर चुनाव की तैयारियों में जुटी रही। वहीं, राजद भी महागठबंधन को साथ लेकर चुनावी लड़ाई की तैयारियों में जुट गई थी। 

छह बार कांग्रेस का रहा है कब्जा
सहरसा विधानसभा सीट पर सबसे अधिक छह बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता रमेश झा सबसे अधिक पांच बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हालांकि चार बार वे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते, जबकि एक बार पीएसपी के उम्मीदवार के रूप में विजयी रहे। उन्हें दो बार इस सीट से शिकस्त मिली। पहली बार 1957 में विश्वेसरी देवी उन्हें हराकर विजय प्राप्त की थी। वहीं, उन्हें जनता दल के उम्मीदवार शंकर प्रसाद टेकरीवाल से शिकस्त मिली। उसके बाद इस सीट पर एक बार और कांग्रेस को जीत मिली है। इस सीट से शंकर प्रसाद टेकरीवाल दो बार जनता दल, एक बार राजद व एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर चुके हैं।

सहरसा विधानसभा की पहचान
लगभग दो किलोमीटर में फैली मत्स्यगंधा झील व रक्तकाली चौसठ योगिनी मंदिर यहां की पहचान है। हालांकि बैजनाथपुर का आज तक शुरू नहीं होने वाला पेपर मिल भी इस विधानसभा क्षेत्र की पहचान कही जा सकती है। इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग आधे मतदाता शहरी क्षेत्र के हैं।

कब कौन जीते
1957: विश्वेसरी देवी
1962: रमेश झा
1967: रमेश झा
1972: रमेश झा
1977: शंकर प्रसाद टेकरीवाल
1980: रमेश झा
1985: सतीश झा
1990: शंकर प्रसाद टेकरीवाल
1995: शंकर प्रसाद टेकरी
2000: शंकर प्रसाद टेकरीवाल
2005(फरवरी): संजीव कुमार झा
2005(अक्टूबर): संजीव कुमार झा
2010: आलोक रंजन
2015: अरुण कुमार

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