Bihar Election Results: अब बिहार में नीतीश की JDU नहीं रही BJP का 'बड़ा भाई', जानें रुझानों में किसे-कितनी सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए वोटों की गिनती जारी है और अब तक रुझानों में एनडीए बहुमत के पार दिख रहा है। रुझानों में बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनती दिख रही है, मगर इसमें सबसे अधिक...
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए वोटों की गिनती जारी है और अब तक रुझानों में एनडीए बहुमत के पार दिख रहा है। रुझानों में बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बनती दिख रही है, मगर इसमें सबसे अधिक योगदान भारतीय जनता पार्टी का दिख रहा है। एनडीए में इस बार बीजेपी के मुकाबले नीतीश की जदयू का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। चिराग पासवान ने जदयू के खिलाफ जो सियासी दांव चला, वह रुझानों में कामयाब होता दिख रहा है और इस तरह से बिहार एनडीए में बड़े भाई का दर्जा रखने वाली जदयू, इस बार छोटा भाई बनती दख रहा है।
अब तक के रुझानों पर गौर करें तो बिहार चुनाव में एनडीए कुल 130 सीटों पर आगे चल रहा है, जिसमें भाजपा 76 सीटों पर लीड कर रही है और जदयू 48 सीटों पर आगे चल रही है। अगर यह रुझान नतीजों में बदलते हैं तो ऐसा पहली बार होगा, जब बिहार में भारतीय जनता पार्टी न सिर्फ बड़ा भाई का दर्जा हासिल कर लेगी, बल्कि सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। हालांकि, फाइनल नतीजों के लिए देर शाम तक का इंतजार करना पड़ सकता है। मगर रुझान में भाजपा और जदयू की सीटों में जितना बड़ा अंतर दिख रहा है, उससे स्पष्ट है कि भाजपा ने नीतीश की जदयू से बड़े भाई वाला दर्जा एक तरह से छीन लिया है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के खराब प्रदर्शन की सबसे मुख्य वजह चिराग पासवान बताए जा रहे हैं। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने पूरे बिहार में जहां-जहां जदयू का कैंडिडेट था, वहां-वहां अपने उम्मीदवारे उतारे, मगर उसने भारतीय जनता पार्टी के साथ ऐसा नहीं किया। अब तक जो रुझान में आंकड़े आए हैं, उसमें लोजपा के अलग लड़ने से कई सीटों पर सबसे अधिक जदयू को नुकसान होता दिख रहा है।
बिहार में जब-जब जदयू और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा है, तब-तब जदयू बड़े भाई की भूमिका में ही रही है। मगर अब जब नतीजे सामने आ रहे हैं और रुझानों ने इशारा कर दिया है तो स्थिति उल्टी नजर आ रही है और भाजपा जदयू का बड़ा भाई बन गई है। भारतीय जनता पार्टी दोपहर करीब तीन बजे तक 76 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं जदयू 48 सीटों पर है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि चुनाव में सीटों की संख्या के लिहाज से जदयू ही बड़ा भाई थी जो 122 पर चुनाव लड़ी और भाजपा 121 पर।
यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस बार बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अब तक जो रुझान हैं, अगर ह नतीजों में तब्दील होते हैं तो ऐसा पहली बार होगा, जब भाजपा के सीटों की संख्या राज्य में अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे अधिक होगी। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी। दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी। उसे 71 सीटें हासिल हुई थीं। इसके अलावा बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थीं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि 2015 में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी, मगर बाद में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया था।
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