बाढ़ विधानसभा क्षेत्र : पटना के मिनी चित्तौड़गढ़ में चढ़ने लगा सियासी तापमान
टाल की उर्वर काली मिट्टी की तरह बाढ़ विधानसभा क्षेत्र भी सूबे की राजनीतिक में काफी अहमियत रखती है। सीएम नीतीश कुमार की राजनीतिक कर्मभूमि रहे इस क्षेत्र में सियासी तापमान चढ़ने लगा है। पटना के मिनी...
टाल की उर्वर काली मिट्टी की तरह बाढ़ विधानसभा क्षेत्र भी सूबे की राजनीतिक में काफी अहमियत रखती है। सीएम नीतीश कुमार की राजनीतिक कर्मभूमि रहे इस क्षेत्र में सियासी तापमान चढ़ने लगा है। पटना के मिनी चित्तौड़गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र पर कब्जे को लेकर रोचक मुकाबला होने के आसार हैं।
अभी यह सीट भाजपा के कब्जे में है। ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू तीन बार से यहां के विधायक हैं। पिछली बार वर्ष 2015 में हुए चुनाव में उन्होंने जदयू के मनोज कुमार को हराया था। दो बार जदयू से विधायक रहे ज्ञानू ने 2015 में पाला बदलकर भाजपा के टिकट पर तीसरी बार जीत हासिल की थी। इस बार जदयू एनडीए में है। इस कारण नए समीकरण क्षेत्र में बन रहे हैं। दूसरे नंबर पर होने के कारण जदयू भी इस सीट पर दावेदारी कर रहा है।
जो भी हो इस सीट पर एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला दिलचस्प होगा। 16 मर्तबा हुए चुनावी दंगल में सिर्फ एक बार आधी आबादी को अवसर मिला है, जब 2005 में जदयू प्रत्याशी के तौर पर लवली आनंद ने जीत हासिल की थी।
जातीय समीकरण भी अहम
बाढ़ सीट पर जातीय समीकरण ही हार-जीत में अहम भूमिका निभाता रहा है। निर्दलीय प्रत्याशी इस बार चुनावी खेल को उलट-पुलट कर सकते हैं। राजपूत बाहुल्य होने के कारण इस सीट को पटना का मिनी चितौड़गढ़ भी कहा जाता है। यहां से 15 बार राजपूत प्रत्याशी तथा एक बार अन्य जाति के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है।
1985 के बाद कांग्रेस को जीत नसीब नहीं
इस सीट पर छह बार कांग्रेस, तीन बार जदयू, दो बार जनता दल तथा एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। यहां से विधायक रहे राणा शिव लाखपति सिंह विधि मंत्री और विजय कृष्ण राजभाषा मंत्री रह चुके हैं। सर्वाधिक बार विधायक बनने का रिकॉर्ड राणा शिव लाखपति सिंह को है। इस सीट पर 1995 में सबसे ज्यादा 35 उम्मीदवार मैदान में थे। सर्वाधिक मतदान 1980 में 72 फीसद हुआ था। सबसे कम मतदान 2005 में 40 फीसद हुआ।
मतदाताओं की संख्या
कुल मतदाता : 276887
पुरुष मतदाता : 146108
महिला मतदाता : 130776
थर्ड जेंडर : 03
मतदान केंद्र : 412
289 मुख्य तथा 123 सहायक मतदान केंद्र
जिला बनाने का मुद्दा इस बार भी उठेगा
बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में कई समस्याएं है जिनका निराकरण वर्षों से नहीं हो सका है। बाढ़ को जिला बनाने की मांग पुरानी है। इस चुनाव में भी यह मुद्दा उठेगा। नगर में जलजमाव, जाम की समस्या का समाधान जरूरी है। वहीं, टाल क्षेत्र के किसान बदहाली के शिकार हैं। अनुमंडल अस्पताल की व्यवस्था भी बहुत अच्छी नहीं है।
कब कौन जीता
1952 राणा शिवलाखपति सिंह, कांग्रेस
1957 रामयतन, कांग्रेस
1962 राणा शिव लाखपति सिंह, कांग्रेस
1967 तारणी प्रसाद सिंह, जेकेडी
1969 राणा शिव लाखपति सिंह, कांग्रेस
1972 द्वारिका नारायण सिंह, कांग्रेस
1977 राणा शिव लाखपति सिंह, जेएनपी
1980 विश्वमोहन, निर्दलीय
1985 भुनेश्वर सिंह पप्पू, कांग्रेस
1990 विजय कृष्ण, जनता दल
1995 विजय कृष्ण, जनता दल
2000 भुवनेश्वर सिंह, एसएपी
2005 (फरवरी) लवली आनंद, जदयू
2005 (फरवरी) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू, जदयू
2010 ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू , जदयू
2015 ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू, भाजपा
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